दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana in hindi)
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई युवा रोजगार प्रोग्राम योजना है. जिसके तहत देश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब युवाओं को रोजगार प्रदान कराना हैं. यह योजना 25 सितंबर सन 2014 को भाजपा के पूर्ववर्ती (Predecessor) एवं भारतीय जनसंघ में प्रमुख पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 98वीं जन्म तिथि पर शुरू की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य 15-35 वर्ष की उम्र के अंतर्गत आने वाले लोगों को रोजगार दिलवाने में मदद करना हैं. यह योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना का ही हिस्सा है, एवं यह पब्लिक – प्राइवेट पार्टनरशिप विधि में की जा रही है.

सन 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष से 35 वर्ष तक की उम्र के बीच के 55 लाख पोटेंशियल वर्कर्स हैं. इसी समय, दुनिया को सन 2020 तक 57 लाख वर्कर्स की कमी का सामना करना पड़ सकता है. आधुनिक बाजार में भारत के ग्रामीण निर्धन लोगों को आगे बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे औप्चारिक शिक्षा और बाजार के अनुसार कौशल में कमी आदि, इसलिए भारत के केन्द्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी और वेंकैया नायडू द्वारा DDU-GKY योजना की शुरुआत की गई है.
DDU-GKY योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, वित्तपोषण (Funding), रोजगार उपलब्ध कराने में जोर देने, रोजगार स्थायी बनाने, आजीविका में उन्नति करने और विदेशों में रोजगार प्रदान करने के लिए सक्षम बनाना है. डेमोग्राफिक सरप्लस को डेमोग्राफिक डिविडेंड में बदलने के लिए यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर प्रस्तुत करता है. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने DDU-GKY योजना लागू की, ताकि गरीब परिवारों से सम्बन्ध रखने वाले ग्रामीण युवाओं की उत्पादक क्षमता और विकासशील कौशल के द्वारा समावेशी (Inclusive) विकास के लिए इस राष्ट्रीय एजेंडे को चलाया जा सके.
DDU-GKY से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य –
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (DDU-GKY) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निन्म सूची में दर्शाये गये हैं-
क्र.म. | योजना बिंदु | महत्त्वपूर्ण तथ्य |
1. | योजना का नाम | दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (DDU-GKY) |
2. | योजना क्षेत्र | रोजगार वितरण |
3. | योजना लोंच की तारीख | 25 सितम्बर 2014 |
4. | योजना लोंच की गई | केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं वेंकैया नायडू |
5. | इस तरह की पहले की योजना | राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना |
6. | प्रबंधक मंत्रालय | ग्रामीण विकास मंत्रालय |
DDU-GKY की विशेषताएँ
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (DDU-GKY) की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
- गरीबों और मर्जिनलाज्ड (Marginalized) लोगों को इस लाभ का उपयोग करने के लिए सक्षम बनाना.
- ग्रामीण गरीब लोगों को बिना किसी कॉस्ट के कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना.
- इंक्लूसिव प्रोग्राम को डिज़ाइन करना.
- समाजिक रूप से वंचित लोगों के समूह (SC/ST 50%, माइनॉरिटी 15%, महिलाएं 33%) को जरुर शामिल करना.
- कैरियर में प्रगति के लिए प्रशिक्षण में जोर देना.
- रोजगार स्थायी, कैरियर में प्रगति और विदेश में प्लेसमेंट के लिए प्रोत्साहित करने के उपाय करना.
- पहले से ही प्लेस्ड उम्मीदवारों को अधिक से अधिक सहायता करना.
- पोस्ट प्लेसमेंट का समर्थन, माइग्रेशन का समर्थन एवं एलुमनी (Alumni) नेटवर्क तैयार करना.
- प्लेसमेंट पार्टनरशिप का निर्माण करने के लिए प्रोएक्टिव अप्प्रोच करना.
- कम से कम 75% शिक्षित उम्मीदवारों को रोजगार की गारंटी देना.
- इम्प्लीमेंटेशन पार्टनर्स की क्षमता बढ़ाना.
- इनके कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण देने वाली न्यू एजेंसीस को तैयार करना.
- क्षेत्र पर ध्यान देना जैसे जम्मू और कश्मीर में गरीब ग्रामीण युवाओं के लिए प्रोजेक्ट्स, उत्तर- पूर्व क्षेत्रोँ एवं 27 (LWE) और जिलों आदि पर ज्यादा जोर देना.
- सभी प्रोग्राम की गतिविधियाँ स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर पर आधारित होगी और यह किसी भी लोकल इंस्पेक्टर के स्पष्टीकरण के लिए नहीं खोली जाएगी.
DDU-GKY लागू करने का मॉडल
- DDU-GKY एक 3 – टायर लागू करने वाले मॉडल को फॉलो करता है.
- ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा लोंच की गई DDU–GKY नेशनल यूनिट, पॉलिसी मेकिंग, तकनीकी समर्थन और फैसिलिटेशन एजेंसी के रूप में काम करती है.
- DDU-GKY स्टेट मिशंस इसे लागू करने में समर्थन प्रदान करते है.
- प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन एजेंसीज, स्किल्लिंग और प्लेसमेंट प्रोजेक्ट्स के माध्यम से इस प्रोग्राम को इम्प्लेमेंट करती हैं.
DDU-GKY प्रोजेक्ट फंडिंग सपोर्ट
DDU-GKY के जरिये कौशल प्रदान करने वाले प्रोजेक्ट्स से जुड़े रोजगार के लिए फंडिंग सपोर्ट उपलब्ध कराया जाता है, जिससे प्रतिव्यक्ति 25000 रूपये से लेकर 1 लाख रूपये तक के फंडिंग सपोर्ट के साथ मार्केट की मांग का समाधान किया जाता है, जोकि प्रोजेक्ट की अवधि एवं रेजिडेंशियल या नॉन – रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट पर आधारित है. DDU-GKY के जरिये 3 महीने से लेकर 12 महीने तक की अवधि वाले प्रशिक्षण प्रोजेक्ट ले लिए फंडिंग की जाती है.
फंडिंग सपोर्ट में प्रशिक्षण का खर्च, रहने एवं खाने – पीने का खर्च, ट्रांसपोर्टेशन खर्च, योजना के बाद सहायता खर्च, आजीविका में उन्नति एवं स्थायी रोजगार में सहायता संबंधी खर्च आदि शामिल है.
प्रोजेक्ट फंडिंग में प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन एजेंसीस (PIAs) की प्रायोरिटी इस प्रकार है-
- विदेश में रोजगार
- कैप्टिव रोजगार : ऐसी प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन एजेंसीस (PIAs) और संगठन, जोकि मानव संसाधन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करते हैं.
- इंडस्ट्री इंटर्नशिप : इंडस्ट्री से इंटर्नशिप्स के लिए को – फंडिंग के साथ सहायता देना.
- चैंपियन एम्प्लोयर्स : ऐसी PIAs जो 2 साल की अवधि में कम से कम 10,000 DDU-GKY ट्रेनीस के कौशल प्रशिक्षण और उनके लिए रोजगार का आश्वासन देती हैं.
- हाई रिप्युट(Repute) की शैक्षिक संस्थाएं : ऐसे संस्थान जो नेशनल असेसमेंट और accreditation कौंसिल (NAAC) की न्यूनतम 3.5 ग्रेडिंग वाले है एवं ऐसे सामुदायिक महाविद्यालय जो यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) एवं आल इंडिया कौंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के द्वारा फंडेड हों, और DDU-GKY प्रोजेक्ट्स को लेने के लिए तैयार हो.
प्रशिक्षण आवश्यकताएं
- DDU-GKY के जरिये 250 से भी अधिक ट्रेड्स में अनेक कौशल प्रशिक्षण प्रोग्राम्स के लिए फंडिंग की जाती है, जैसे रिटेल, हॉस्पिटैलिटी, स्वास्थ्य, निर्माण, मोटर वाहन, लेदर, इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग, रत्न और आभूषण आदि के रूप में. कम से कम 75% ट्रेनीस को रोजगार देने के लिए कौशल प्रशिक्षण देने का शासन का आदेश है.
- ट्रेड स्पेसिफिक स्किल्स में स्पेसिफाइड नेशनल एजेंसीस, जैसे वोकेशनल ट्रेनिंग के लिए नेशनल कौंसिल एवं सेक्टर स्किल्स कौंसिल्स के द्वारा निर्धारित करिकुलम और नॉर्म्स को फॉलो करने की जरुरत है.
- इसके साथ – साथ ट्रेड स्पेसिफिक स्किल्स का प्रशिक्षण, रोजगार एवं सॉफ्ट स्किल्स में, फंक्शनल इंग्लिश और फंक्शनल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी लिटरेसी में प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि एसेंशियल स्किल्स की क्रॉस कटिंग कर प्रशिक्षण का निर्माण हो सके.
इस तरह यह योजना भारत सरकार द्वारा पूरे भारत में लागू की गई है. जिससे लोगों को रोजगार पाने और उसे स्थायी बनाने में मदद मिल सके.
Update
26/07/2018
बेरोजगार युवाओं के लिए मुफ़्त प्रशिक्षण (Free Training For Unemployed Youth in Hindi)
एसईआरपी (सोसाइटी एलिमिनेशन ऑफ़ रूरल पावर्टी) के सहयोग से जिला ग्रामीण विकास एजेंसी ने जिले की महिलाओं सहित बेरोजगार युवाओं के आवेदन, प्लेसमेंट सुविधा के साथ स्वरोजगार के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए स्वीकार किये थे. उन्हें यदादरी भुवनागिरी जिले के बुदान पोचमपल्ली मंडल में जलालपुर गाँव में एक स्वामी रामानादतीर्थ ग्रामीण प्रशिक्षण संस्थान में मुफ़्त में रहने के लिए घर और भोजन के साथ प्रशिक्षण दिया जायेगा. यह प्रशिक्षण ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या विकास योजना के तहत दिया जायेगा. इसके तहत ऑफर किये जाने वाले कोर्स इस प्रकार हैं –
क्र. म. | योग्यता | अवधि | कोर्स |
1. | एसएससी योग्यता | 3 माह | 2 और 3 व्हीलर्स के लिए ऑटोमोबाइल सर्विसिंग |
2. | एसएससी योग्यता | 3 माह | इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेल फोन की रिपेयरिंग |
3. | एसएससी पास | 4 माह | इलेक्ट्रीशियन |
4. | इंटरमीडिएट योग्यता | 3 माह | डीटीपी, प्रिंटिंग एवं पब्लिशिंग मूल्यांकन |
5. | इंटरमीडिएट योग्यता | 3 माह | कंप्यूटर हार्डवेयर सहायक |
6. | बी कॉम | 3 माह | टैली |
7. | इंटरमीडिएट / आईटीआई पास | 3 माह | सोलर सिस्टम इंस्टिट्यूशन सर्विस |
8. | कक्षा सातवीं योग्यता | 3 माह | सिलाई |
उम्मीदवारों को वार्षिक और अर्धवार्षिक इन्क्रीमेंट के साथ 6,000 रूपये से 8,000 रूपये प्रति माह के शुरूआती वेतन के साथ प्लेसमेंट दिया जायेगा. योग्य उम्मीदवारों को अपनी पढ़ाई का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज़ फोटो एवं राशन कार्ड के साथ 16 जुलाई को सुबह 10 बजे ऊपर दिए हुए यदादरी भुवनगिरी जिले के प्रशिक्षण केंद्र में भाग लेने की आवश्यकता है. चुने गए उम्मीदवारों को 250 रूपये का भुगतान करना होगा, जिसे बाद में वापस कर दिया जायेगा.
28/8/2018
बहुत सी विकास योजनाओं के लिये गुजरात सरकार काम कर रही हैं और इसके साथ ही वे प्रधान मंत्री योजनाओं के तहत लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और रोजगार पत्र देंगे। इसके अंतर्गत ग्रामीण कोशल विकास योजना भी शामिल हैं इसके साथ ही मिनी एटीएम एवं नियुक्ति लेटर भी महिलायो को दिये जायेंगे
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